कभी तूं मिला बादशाह बन के , कभी तूं मिला फकीर बन के , कभी मिला रकीब बन के , तेरी लीला तूं ही जाने मेरे साँई , मैं क्या जानू,मुझे तो तूं मिला मेरे दाता मेरी तक़दीर बन के । जय साँई राम
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