Thursday 17 September 2015



मेरी ज़िन्दगी के हर दिन में तुम हो
खुशी और गम की हर रात में तुम हो
मेरी हर सांस में तुम ही समाए हो
साईं मेरी हर बात में तुम हो
मेरे खयालों में तसव्वुर तुम्हारा ही है
मेरे मालिक मेरे हर जज़्बात में तुम हो

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