Sunday 27 September 2015



हमारे साँईं जी,
हुए हैं सजदे मुकम्मल सब मेरे, आकर तेरी पनाहों में,
तेरी मर्जी, तू कर शामिल मुझको, दुआओं में या गुनाहों में

🌹तेरा लाख लाख शुक्र 🙏है हमारे "साँई" जी 🌹

No comments:

Post a Comment