जिस दर पर लाखो शीश झुकतेउस दर के मालिक में कोई तो बात हैयुही लाखो लोग किसी को दिल नही देतेजरूर साँई में बसे भगवान साक्षात् हैमेरे दिल में एक धड़कन तेरी है साँई…
उस धड़कन कि क़सम तू ज़िन्दगी मेरी है साँई
मेरी एक साँस में एक साँस तेरी है साँई …
वो साँस जो रूक जाये तो मौत मेरी है साँई ..
No comments:
Post a Comment