Saturday 24 October 2015




जिस दर पर लाखो शीश झुकते
उस दर के मालिक में कोई तो बात है
युही लाखो लोग किसी को दिल नही देते
जरूर साँई में बसे भगवान साक्षात् है
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी है साँई…
उस धड़कन कि क़सम तू ज़िन्दगी मेरी है साँई
मेरी एक साँस में एक साँस तेरी है साँई …
वो साँस जो रूक जाये तो मौत मेरी है साँई ..

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