Tuesday 20 December 2016

हो गुनाहगार कितना भी कोई हिसाब मांगा ना तुमने किसी से।
तुमने औलाद अपनी समझ कर सबके अवगुण छुपाए हुएं हैं।।
कुछ पाने की खातिर तेरे दर हम भी झोली फैलाऐ हुए हैं।
सफल करोगे हमारे प्रयास साईं हम ये आस लगाए हुए हैं।।

साईं  कृपा से साईं आस एक प्रयास-05.02.2017

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