Monday, 31 August 2015



कैसे बताऊं कितनी कृपा करता है मेरा साँई....
होतें हैं जब हम तकलीफ में खुद आहें भरता है मेरा साँई....
मिटाता है सारे गम हमारे....
नामुमकिन को मुमकिन करता है मेरा साँई....
उसकी रहमतों का कोई अन्त नहीं....
बेअन्त इनायत करता है मेरा साँई....
कैसे कह दूं कि वो दूर है मुझसे ....
मेरे हर कदम में मेरे साथ चलता है मेरा साँई....

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