Thursday 6 August 2015





"साँई" तेरे नाम का गुनगान जिसने भी गाया है,
उसने जीवन में जो चाहा वो पाया है,
जब से मैंने अपना सिर तेरे चरणों में झुकाया है,
तुमने अपनी रहमतों का ताज मेरे सिर पे सजाया है.!
बोलिए श्री सच्चिदानंद साईं नाथ महाराज की जय

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