ये नाज़ भी क्या कम है के तू मेरा सनम है
चौखट पे पड़ा हू तेरी किस बात का गम है
जो कुछ भी जमाने मे अब मेरा भरम है
सब तेरी इनायत है ये सब तेरा करम है ।
यार है वोह करम और क्या चाहिए
रख लिया है भरम और क्या चाहिए
दूर मुझसे है गम और क्या चाहिए
है करम ही करम और क्या चाहिए
सामने है सनम और क्या चाहिए
है करम ही करम और क्या चाहिए
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