बदल जाएँगे अश्क जोहर मे तुम्हारे....
कभी साईं के दर पर आकर तो देखो...
कहने की जुबां से ज़रूरत नही..
कभी झोली को अपनी फैला कर तो देखो...
निकालेगा कश्ती भंवर से तुम्हारी...
साईं को माझी बनाकर तो देखो....
बड़ा ही दयालु है...
ये श्रध्दा सबुरी साईं ...
कभी तुम इसे आज़माकर तो देखो...
बोलो श्री साईं नाथ महाराज की जय!!
ॐ साई राम.
No comments:
Post a Comment